प्रस्तुत कविता में फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि अनेक प्रयास करता है।
वह हर पुष्प से आलस्य रूपी नींद खींच लेना चाहता है।
वह अपनी प्रसन्नता से अपने जीवन के अमृत से पुष्पों को खींचना चाहता है।
अतएव इसका उत्तर आलस्य या तंद्रालस होगा |
Tagged: हिंदी कविता
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