कर्तव्यनिष्ठा पाठ पण्डित अम्बिकादत्त व्यास द्वारा रचित प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यास ‘शिवराजविजयः’ से सङ्कलित है।
इस रचना को संस्कृत-साहित्य का प्रथम ‘ऐतिहासिक उपन्यास’ भी कहा जाता है।
यह रचना राष्ट्रीय प्रेम की भावनाओं से परिपूर्ण है।
1857 के प्रथम स्वाधीनता-संग्राम की विफलता के बाद जनता में भय तथा आतंक फैल गया था।
इस रचना के देशभक्तिपूर्ण कथानक के माध्यम से लेखक ने जनमानस के हृदय में उत्साह की भावनाओं का संचार करने का प्रयास किया है।
इस पाठ से हमको प्रेरणा मिली की लोभ मनुष्य को पाप के गर्त में डाल देता है। सदाचारी मनुष्य किसी भी प्रकार के लालच में न फंसते हुए अपने कर्त्तव्य-मार्ग से नहीं डिगता।