मानव पूंजी किसे कहते हैं मानव पूंजी निर्माण के स्त्रोत बताइए

मानव पूँजी:- देश के व्यक्तियों में निहित कौशल एवं उत्पादकीय ज्ञान के स्टॉक को मानव पूँजी कहते हैं ।

मानव पूँजी से अभिप्राय किसी देश में किसी समय विशेष पर पाये जाने वाले कौशल, क्षमता, सुविज्ञता, शिक्षा ज्ञान के भण्डार से है।

दूसरे शब्दों में, मानव पूँजी ऐसे व्यक्तियों का स्टॉक है जो अपनी शिक्षा, कौशल आदि के साथ देश की उत्पादन प्रक्रिया में उत्पादकीय योगदान करते हैं।

मानव पूंजी निर्माण:- मानव पूँजी के स्टॉक में होने वाली वृद्धि की प्रक्रिया को मानव पूँजी निर्माण कहते हैं |

अर्थात् मानव पूँजी निर्माण कौशल निर्माण की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत मानव शक्ति के विकास हेतु भारी मात्रा में विनियोग किया जाता है, ताकि देश जन शक्ति, प्राविधिक ज्ञान, योग्यता एवं कुशलता की दृष्टि से विशिष्टता प्राप्त कर सके।

मानव पूँजी शब्द का प्रयोग संकुचित और व्यापक दोनों ही अर्थों में किया जाता है।

संकुचित अर्थ में मानव पूँजी में विनियोजन का अर्थ शिक्षा एवं प्रशिक्षण पर व्यय करना है, जबकि व्यापक अर्थ में स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सभी सामाजिक सेवाओं पर व्यय करने से लगाया जाता है।

सरल शब्दों में, “मानव पूँजी में किया गया ऐसा कोई भी विनियोग जो जन शक्ति की शिक्षा, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य व जीवन स्तर में वृद्धि करता हो, मानवीय पूँजी निर्माण का एक सक्रिय विनियोग माना जाता है।”

मानव पूंजी निर्माण के स्त्रोत:-
(1) स्वास्थ्य पर व्यय
(2) शिक्षा एवं प्रशिक्षण पर व्यय
(3) कौशल अभिनवीकरण पर व्यय
(4) प्रवासन पर व्यय

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